दोहा में अरब विचार मंच के आरम्भ
एक दो-दिवस्सीय अरब विचार मंच बुधवार 24
जनवरी 2007 को दोहा षेराट्टन होटल में आरम्भ हुई। इस संगोष्टी के विषय
प्राधिकार के राज्य और राज्य के अधिकार है।
इस मंच के उदघाटन सभा को अभिसंबोधन करते हुए कत्तर के प्रथम
उपप्रधानमंत्रि एवम विदेशकार्य मंत्रि माननीय शेख हमद बिन जासेम बिन
जाबर् अल थानी ने कहा कि कई विचारकों वने राज्य के अधिकार और इस अधिकार
के विविध रूप एवम अवस्था के बारें में मानव समाज के आरम्भ से ही
विचार-विमर्श कर रहे है।
माननीय प्रथम उपप्रधान मंत्रि ने कहा कि मानव समाज को नेतृत्व करने के
जिम्मेदारी सोंप ने केलिए एक अधिकारी के ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि
रोजगार जीवन के संक्रियता के परिपालन के लिए यह ज़रूरी है। उन्होंने
कहा कि यह भी ज़रूरी है कि इस विषय को सभी कोन से दर्शित करना है क्यों
कि सामाजिक जीवन के विकास को कई अभिमुखता है।
उन्होंने कहा कि तत्वविचारक, राजनेतिक, न्यायिक, सामाजिक, मानव और
धार्मिक दृष्टियों से अधिकार को देखना चाहिए। उन्होंने कह कि यह सब
मानव समाज के साथ जुडे हुए है।
कत्तर के प्रथम उपप्रधानमंत्रि एवम विदेशकार्य मंत्रि माननीय शेख हमद
बिन जासेम बिन जाबर् अल थानी ने कहा कि अधिकार के विविध अभिमुखता कभी
कभी आपसी जुडे हुए होते है।
उन्होंने कहा कि अर राज्य अधिकार के स्वीकृत केंद्र है तो भी सवाल यह
है कि राज्य किस रूप में होना चाहिए। यह भी ज़रूरी है कि राज्य के
प्रशासन के मूल्य क्या होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकार के मौलिकता के बारें में जानकारी होना और इन
मुल्यों को कहाँ से लेना है। उन्होंने कहा कि एसे मूल्यों को कैसे
न्यायिक अवस्था प्रदान करना है और इस न्याय व्यवस्था के स्रोतस कहां
है।
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