अन्तःधर्म संवाद / कत्तर के एमीर के निर्देश स्वीकार की

दोहा में गुरुवार, 30 जून 2005 को समाप्त हुई अन्तःधर्म संवाद के सम्मेलन ने कत्तर के एमीर महामहीम शेख हमद बिन खलीफा अल थानी के निर्देश को स्वीकार किया। इस निर्देश के अनुसार एक अन्तरर्राष्ट्रीय केन्द्र या संस्थापन के आरम्भ करना है जहाँ धर्मों के संवाद हो सकें। सम्मेलन ने एमीर के निर्देशन पर संतुष्टी प्रकट की और कहा कि एसे एक केनद्र के आरम्भ करने से संवाद के सभ्यता, एतिहासिक निषेधात्मक संस्कृति के पुनरदर्शन हो सकें। सम्मेलन में यह भी कहा कि इसे तीन धर्मों के अनुयायियों के आपसी जानकारी के विघ्न दूर हो जाय।

इस सम्मेलन को संघठन करने में और इसके सफल परिसमाप्ति के लिए भागिदारों ने कत्तर के एमीर महामहीम शेख हमद बिन खलीफ अल थानी और कत्तर के जनता को धन्यवाद दी। आपसी संवाद और  चर्चे के जरिए इस सम्मेलन नें कई निर्देश को स्वीकार किया जिससे धर्मों आपसी जानकारी विकास होने के आशा है।  अरब और इस्लामी विश्वविध्यालयों में तुलनात्मक शिक्षण के लिए अलग विभागों  के आरम्भ करना और एक समिति के संघठन करना जिससे आपसी धर्मों के सहन प्राप्त कर सकें। सम्मेलन ने धर्म के विषयों में राजनीति को और धर्मों के नाम पर आतंकवाद को प्रोत्सहन करने को निंदा की।

सम्मेलन के संघाठक समिति के मुख्य अध्यक्ष एवम कत्तर विश्व विध्यालय के शरिया और कानून फाकलटी के डीन डाक्टर आयिषा अल मन्नाई ने कहा कि धर्म संवाद शांतीपूर्ण, पारदर्शन, स्वतंत्रता और समझौ1ते के पर्यावरण में हुई।

कत्तर समाचार साधन को दिए हुए एक बयान में सम्मेलन के संघाठक समिति के मुख्य अध्यक्ष एवम कत्तर विश्व विध्यालय के शरिया और कानून फाकलटी के डीन डाक्टर आयिषा अल मन्नाई ने कहा कि इस सम्मेलन में भाग लिए तीन धर्म ने अन्दर संवाद के लिए महत्वपूर्ण सहयोग करने को और संयुक्त कामकार्य करने की उत्सुकता दीखाई।

धर्मों के आपसी सहकरण के एसी आदर्श से मानवता को उन्नती हासिल कर सकते है।

सम्मेलन ने बुनियादी मानव मोलिकता, नैतिक एवम विशिष्ट तत्वों के आधार पर संयुक्त कर्मकार्य करने के प्रतिग्या की।

 

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