प्रबल आर्थिक स्थिति के अवसरः प्रथम उप प्रधान मंत्री
कत्तर के
प्रथम उप प्रधान मंत्री एवम विदेशकार्य मंत्री माननीय शेख
हमद बिन जासेम बिन जाबर अल थानी ने मध्यपूर्व देश के
अल्पव्यायिक भविष्य के विकास के सम्मेलन में उदघाटन भाषण
की। इस दो-दिवस्सीय सम्मेलन सोमवार,
30 जनवरी को
आरम्भ
हुई जिसमें
मध्यपूरव देश,
अरब देश,
एशिया और
यूरोपी देशों और अमेरिका से 250 अर्थविध्वानों और निपुणों
भाग लिए है।
उदघाटन
प्रभाषण करते हुए कत्तर के प्रथम उप प्रधान मंत्री ने कहा
कि गल्फ क्षेत्र के राष्ट्रों के अल्पव्यायिक विकसन के लिए
आर्थिक एवम सामाजिक स्थिरता ज़रूरी है। इसिलिए उन्होंने
कहा कि इस क्षेत्र से संघर्ष और राजनैतिक संकट्वस्था दूर
रखना चाहिए और क्षेत्र में शांती और संपन्नता लानेके लिए
निष्कपट प्रयत्न होना चाहिए।
उन्होंने कहा
कि मध्यपूर्व देश के राष्ट्रों और गल्फ क्षेत्र को एक
भौगोलिक-कुटनितिक स्थान है जिसके राजनैतिक अल्पव्यायिक और
सुरक्षा घटकों पर विश्व को तातपर्य और ध्यान है।
उन्होंने कहा
कि इन राष्ट्रों के प्राधान्य पर विविध कारण है जिसमें
सबसे प्रथम क्षेत्र के प्राकृतिकि साधनों के स्त्रोतस है।
विश्व के अल्पव्यायिक स्थित इस स्त्रोतस जैसे तेल और
प्राकृतिक वातक से बंधित है।
कत्तर के
प्रथम उप प्रधान मंत्री एवम विदेश कार्य मंत्री ने कहा कि
तेल के कीमत पर निराश्रय रहकर कत्तर राज्य को वर्तमान में
राज्य के आर्थिक स्थिति को प्रबल निर्माण करने के यही अवसर
है।
मध्यपूर्व
देश के आर्थिक स्थिति प्रबल करने के विश्व-मानक सम्मेलन के
उदघाटन सभा के बाद कत्तर के प्रथम उप प्रधान मंत्री एवम
विदेशकार्य मंत्री माननीय शेख हमद बिन जासेम बिन जाबर अल
थानी पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि
जायदादी और अन्य आर्थिक क्षेत्रों के निवेशन के लिए एक
हृस्व काल,
मध्यम काल और
धीरघकालीनरीति के ज़रूरत है।
कत्तर के
प्रथम उप प्रधान मंत्री एवम विदेशकार्य मंत्री माननीय शेख
हमद बिन जासेम बिन जाबर अल थानी ने कहा कि इस क्षेत्र में
ऊर्ज के अनुपम स्त्रोतस है। उन्होंने कहा कि औपक में
जीसीसी राष्ट्रों और इरान में विश्व के 70 प्रतिशत तेल के
भंडार है। माननीय शेख हमद बिन जासे बिन जाबर ने कहा कि
विश्वके प्राकृतिक वातक के स्त्रोतस के आदा इस क्षेत्र में
है। उन्होंने कहा है कि इरान और कत्तर में सबसे बढे
प्राकृतिक वातक के स्त्रोतस है।
विश्व के
सामाजिक,
अल्पव्यायिक विकसन के लिए इन स्त्रोतस बहुत ही अनिवार्य और
प्रधान है। उन्होंने कहा कि विश्व के आर्थिक विकास इन
स्त्रोतसों के उपलब्धता पर आधार है। कत्तर के माननीय प्रथम
उपप्रधान मंत्री ने कहा कि इसीलिए इस विषयों पर अंतःबंधित
कई घटकों को ध्यान में लेना चाहिए।
उन्होंने कहा
कि विश्व के आर्थिक स्थिति इस क्षेत्र के आर्थिक स्थितियों
पर जुडे हुए है। इस क्षेत्र के राष्ट्रों के आर्थिक एवम
उद्योगिक विकास विश्व के आर्थिक व्यवस्था में पारदर्शित
होते है।
उन्होंने कहा
कि क्षेत्र के राष्ट्रों के विकास के रीति के विजय विशेष
तौर से ससामाजिक और आर्थिक स्तर पर,
इन राष्ट्रों
पर राजनैतिक स्थिरता लाते है। उत्तरभाव्य में अल्पव्यायिक
एवम आर्थिक साधन के .उचित उपयोग से इस क्षेत्र में विदूर
व्यापक असर होंगे।
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